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भारत-चीन रिश्तों में नरमी, एससीओ में शीर्षस्तरीय भेंट की उम्मीद

तारीख: 29 अगस्त 2025 सीमा तनाव घटाने के लिए भारत और चीन व्यावहारिक कदमों पर लौटे हैं—प्रत्यक्ष उड़ानों की बहाली, सीमा हॉटलाइन का विस्तार और ठपी पड़ी व्यापार-सुविधा वार्ताओं का पुनरारंभ। रणनीति “क्रमबद्धता” पर टिकी है: ज़मीन पर छोटे-छोटे सत्यापनीय कदम, साथ में उच्च-स्तरीय संवाद जारी। एससीओ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाक़ात प्रतीकात्मक भले हो, पर गति बनाए रखने में सहायक मानी जा रही है। दवा-एपीआई, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, टनल-बोरिंग उपकरण और रेयर-अर्थ आपूर्ति से जुड़े उद्योगों ने सकारात्मक संकेतों का स्वागत किया। सुरक्षा समुदाय का आग्रह है कि राजनीतिक गर्माहट के साथ वास्तविक, मापनीय डी-एस्केलेशन ज़रूरी है। भारत का दृष्टिकोण व्यावहारिक है—अमेरिकी टैरिफ दबाव के बीच आर्थिक जोखिमों का विविधीकरण, पर हिमालय और हिंद-महासागर में मूल हितों पर समझौता नहीं। विश्लेषक जोरदार सफलता नहीं, बल्कि क्रमिक प्रगति की उम्मीद करते हैं; फिर भी आंशिक स्थिरता लॉजिस्टिक्स लागत और बीमा प्रीमियम घटा सकती है, जिससे बाह्य क्षेत्र को सहारा मिलेगा।

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीने और बढ़ा, सुरक्षा आकलन जारी


मणिपुर में 6 महीने के लिए बढ़ाया जाएगा राष्ट्रपति शासन, गृह मंत्री अमित शाह  पेश करेंगे प्रस्ताव - India TV Hindi
तारीख: 13 अगस्त 2025
केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह माह के लिए बढ़ा दी, तर्क दिया कि सुरक्षा-स्थिति की समीक्षा और प्रशासनिक स्थिरीकरण अभी आवश्यक हैं। प्राथमिकताएँ—सामान्य स्थिति बहाल करना, एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और मेल-मिलाप उपायों की प्रगति—बताई गईं। नागरिक समूहों ने निर्वाचित शासन में वापसी की स्पष्ट समयरेखा और मानवीय सहायता के लिए सुरक्षा उपायों की माँग की। व्यापार-कारोबार के लिए कर्फ़्यू और इंटरनेट प्रतिबंधों से लॉजिस्टिक्स व सेवाएँ प्रभावित हैं; विस्तार से अनिश्चितता बनी रहती है पर केंद्रित संघीय सहायता की उम्मीद भी बनती है। जानकारों के अनुसार स्थायी शांति समावेशी संवाद और विश्वसनीय विकास परियोजनाओं पर निर्भर करेगी।

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