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भारत-चीन रिश्तों में नरमी, एससीओ में शीर्षस्तरीय भेंट की उम्मीद

तारीख: 29 अगस्त 2025 सीमा तनाव घटाने के लिए भारत और चीन व्यावहारिक कदमों पर लौटे हैं—प्रत्यक्ष उड़ानों की बहाली, सीमा हॉटलाइन का विस्तार और ठपी पड़ी व्यापार-सुविधा वार्ताओं का पुनरारंभ। रणनीति “क्रमबद्धता” पर टिकी है: ज़मीन पर छोटे-छोटे सत्यापनीय कदम, साथ में उच्च-स्तरीय संवाद जारी। एससीओ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाक़ात प्रतीकात्मक भले हो, पर गति बनाए रखने में सहायक मानी जा रही है। दवा-एपीआई, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, टनल-बोरिंग उपकरण और रेयर-अर्थ आपूर्ति से जुड़े उद्योगों ने सकारात्मक संकेतों का स्वागत किया। सुरक्षा समुदाय का आग्रह है कि राजनीतिक गर्माहट के साथ वास्तविक, मापनीय डी-एस्केलेशन ज़रूरी है। भारत का दृष्टिकोण व्यावहारिक है—अमेरिकी टैरिफ दबाव के बीच आर्थिक जोखिमों का विविधीकरण, पर हिमालय और हिंद-महासागर में मूल हितों पर समझौता नहीं। विश्लेषक जोरदार सफलता नहीं, बल्कि क्रमिक प्रगति की उम्मीद करते हैं; फिर भी आंशिक स्थिरता लॉजिस्टिक्स लागत और बीमा प्रीमियम घटा सकती है, जिससे बाह्य क्षेत्र को सहारा मिलेगा।

भारत में मानसून की कमी 6% तक घटी

 

जुलाई तक बरसे तो बरसे... अब अगस्त-सितंबर में मानसून का कैसा रहेगा हाल, IMD  ने कर दी भविष्यवाणी - india weather news imd forecast second half of monsoon  rain likely to receive

तारीख: 3 अगस्त 2025
भारत में मानसून की वर्षा की कमी, जो जुलाई में 11% तक पहुँच गई थी, अगस्त के पहले सप्ताह में घटकर 6% रह गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह सुधार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में व्यापक बारिश के कारण हुआ। हालांकि, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों, विशेषकर राजस्थान और पंजाब में, अब भी बारिश कमजोर है, जिससे धान और कपास की फसल को लेकर चिंता बनी हुई है। मौसम विभाग ने अगस्त के बाकी दिनों में सामान्य बारिश की संभावना जताई है, जिससे जलाशयों पर दबाव कम होगा और खरीफ की बुवाई में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि खाद्य अनाज, विशेषकर दालों और तिलहनों में आपूर्ति संकट से बचने के लिए लगातार बारिश जरूरी है।

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