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भारत-चीन रिश्तों में नरमी, एससीओ में शीर्षस्तरीय भेंट की उम्मीद

तारीख: 29 अगस्त 2025 सीमा तनाव घटाने के लिए भारत और चीन व्यावहारिक कदमों पर लौटे हैं—प्रत्यक्ष उड़ानों की बहाली, सीमा हॉटलाइन का विस्तार और ठपी पड़ी व्यापार-सुविधा वार्ताओं का पुनरारंभ। रणनीति “क्रमबद्धता” पर टिकी है: ज़मीन पर छोटे-छोटे सत्यापनीय कदम, साथ में उच्च-स्तरीय संवाद जारी। एससीओ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाक़ात प्रतीकात्मक भले हो, पर गति बनाए रखने में सहायक मानी जा रही है। दवा-एपीआई, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, टनल-बोरिंग उपकरण और रेयर-अर्थ आपूर्ति से जुड़े उद्योगों ने सकारात्मक संकेतों का स्वागत किया। सुरक्षा समुदाय का आग्रह है कि राजनीतिक गर्माहट के साथ वास्तविक, मापनीय डी-एस्केलेशन ज़रूरी है। भारत का दृष्टिकोण व्यावहारिक है—अमेरिकी टैरिफ दबाव के बीच आर्थिक जोखिमों का विविधीकरण, पर हिमालय और हिंद-महासागर में मूल हितों पर समझौता नहीं। विश्लेषक जोरदार सफलता नहीं, बल्कि क्रमिक प्रगति की उम्मीद करते हैं; फिर भी आंशिक स्थिरता लॉजिस्टिक्स लागत और बीमा प्रीमियम घटा सकती है, जिससे बाह्य क्षेत्र को सहारा मिलेगा।

नासा का आर्टेमिस-2 प्रक्षेपण दिसंबर 2025 तक टला

 

अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली - विकिपीडिया

तारीख: 4 अगस्त 2025
नासा ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि उसका बहुप्रतीक्षित आर्टेमिस-2 मिशन, जो अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की परिक्रमा कराएगा, अब दिसंबर 2025 में प्रक्षेपित किया जाएगा। यह मिशन पहले सितंबर में तय था, लेकिन ओरियन यान की तकनीकी समीक्षा और पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली की जाँच के कारण इसमें देरी हुई है। इस मिशन में अमेरिका और कनाडा के अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे और यह 50 वर्षों बाद पहली बार होगा जब इंसान चंद्रमा के निकट जाएंगे। नासा ने कहा कि सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और अतिरिक्त समय यान को पूरी तरह तैयार करने के लिए दिया जा रहा है। यह मिशन आर्टेमिस-3 की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका लक्ष्य इसी दशक में इंसानों को चंद्रमा पर उतारना है।

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