Skip to main content

Featured

भारत-चीन रिश्तों में नरमी, एससीओ में शीर्षस्तरीय भेंट की उम्मीद

तारीख: 29 अगस्त 2025 सीमा तनाव घटाने के लिए भारत और चीन व्यावहारिक कदमों पर लौटे हैं—प्रत्यक्ष उड़ानों की बहाली, सीमा हॉटलाइन का विस्तार और ठपी पड़ी व्यापार-सुविधा वार्ताओं का पुनरारंभ। रणनीति “क्रमबद्धता” पर टिकी है: ज़मीन पर छोटे-छोटे सत्यापनीय कदम, साथ में उच्च-स्तरीय संवाद जारी। एससीओ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाक़ात प्रतीकात्मक भले हो, पर गति बनाए रखने में सहायक मानी जा रही है। दवा-एपीआई, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, टनल-बोरिंग उपकरण और रेयर-अर्थ आपूर्ति से जुड़े उद्योगों ने सकारात्मक संकेतों का स्वागत किया। सुरक्षा समुदाय का आग्रह है कि राजनीतिक गर्माहट के साथ वास्तविक, मापनीय डी-एस्केलेशन ज़रूरी है। भारत का दृष्टिकोण व्यावहारिक है—अमेरिकी टैरिफ दबाव के बीच आर्थिक जोखिमों का विविधीकरण, पर हिमालय और हिंद-महासागर में मूल हितों पर समझौता नहीं। विश्लेषक जोरदार सफलता नहीं, बल्कि क्रमिक प्रगति की उम्मीद करते हैं; फिर भी आंशिक स्थिरता लॉजिस्टिक्स लागत और बीमा प्रीमियम घटा सकती है, जिससे बाह्य क्षेत्र को सहारा मिलेगा।

स्वतंत्रता दिवस भाषण: पहली नौकरी पर ₹15,000 सहायता, विकास पर फोकस

पहली नौकरी पर 15 हजार देगी सरकार, जीएसटी में भी दिवाली तक सुधार...लाल किले  से पीएम मोदी ने पाकिस्तान को चेताया... | Live Dainik-Latest & Live News in  Hindi

तारीख: 15 अगस्त 2025
लाल किले से संबोधन में प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र में औपचारिक नियुक्ति को प्रोत्साहित करने हेतु नई योजना के तहत पहली नौकरी के लिए ₹15,000 सहायता का ऐलान किया। उन्होंने “विकसित भारत 2047” के लिए उद्यमियों-क्रिएटर्स से पहल करने को कहा, किसी एक व्यापार साझेदार पर अत्यधिक निर्भरता के जोखिमों पर चेताया और त्योहारों तक जीएसटी सरलीकरण का भरोसा दिया। भाषण में इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा निर्माण की गहराई बढ़ाने पर बल दिया गया, साथ ही सीमावर्ती जिलों में अवैध घुसपैठ और भ्रामक सूचना के खिलाफ सतर्कता का आह्वान किया। सामाजिक मोर्चे पर, डिजिटल प्लेटफॉर्म से लाभान्तरण की गति और उभरती तकनीकों के लिए कौशल-विकास पर ज़ोर रहा। बाज़ारों ने सतर्क सकारात्मक प्रतिक्रिया दी; उपभोक्ता-वैकल्पिक और पूंजीगत वस्तु कंपनियों में खरीदारी दिखी, माँग-समर्थन और निवेश चक्र की उम्मीद में।

Comments