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भारत-चीन रिश्तों में नरमी, एससीओ में शीर्षस्तरीय भेंट की उम्मीद

तारीख: 29 अगस्त 2025 सीमा तनाव घटाने के लिए भारत और चीन व्यावहारिक कदमों पर लौटे हैं—प्रत्यक्ष उड़ानों की बहाली, सीमा हॉटलाइन का विस्तार और ठपी पड़ी व्यापार-सुविधा वार्ताओं का पुनरारंभ। रणनीति “क्रमबद्धता” पर टिकी है: ज़मीन पर छोटे-छोटे सत्यापनीय कदम, साथ में उच्च-स्तरीय संवाद जारी। एससीओ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाक़ात प्रतीकात्मक भले हो, पर गति बनाए रखने में सहायक मानी जा रही है। दवा-एपीआई, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, टनल-बोरिंग उपकरण और रेयर-अर्थ आपूर्ति से जुड़े उद्योगों ने सकारात्मक संकेतों का स्वागत किया। सुरक्षा समुदाय का आग्रह है कि राजनीतिक गर्माहट के साथ वास्तविक, मापनीय डी-एस्केलेशन ज़रूरी है। भारत का दृष्टिकोण व्यावहारिक है—अमेरिकी टैरिफ दबाव के बीच आर्थिक जोखिमों का विविधीकरण, पर हिमालय और हिंद-महासागर में मूल हितों पर समझौता नहीं। विश्लेषक जोरदार सफलता नहीं, बल्कि क्रमिक प्रगति की उम्मीद करते हैं; फिर भी आंशिक स्थिरता लॉजिस्टिक्स लागत और बीमा प्रीमियम घटा सकती है, जिससे बाह्य क्षेत्र को सहारा मिलेगा।

रूपये के गिरते स्तर को रोकने के लिए RBI ने जून में $3.6 बिलियन बेचा

 वैश्विक व्यापार तनाव के बीच रुपये को स्थिर करने के लिए आरबीआई ने अप्रैल में  3.6 अरब डॉलर बेचे - द इकोनॉमिक टाइम्स

तारीख: जून 2025
RBI ने जून में नेट विदेशी मुद्रा खरीद को नियंत्रित करने के लिए $3.6 अरब की बिक्री की। इससे रुपये को मजबूती मिली और माह के अंत में $1 के मुकाबले ₹85.47 की स्थिति बनी, जो शुरुआत में ₹85.50 थी। यह कदम केंद्रीय बैंक की अस्थिरता प्रबंधन और समग्र आर्थिक नियंत्रण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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